- 2 घंटे बाद डौ को फिर से हल्का सा गूंध लें ताकि डौ के अंदर की सारी हवा निकल जाए। 
- अब एक छोटी बॉल के आकार की लोई तोड़ें। 
- इसे 5 इंच तक गोलाकार बेल लें। अगर मैदा बेलन से चिपके तो बेलन पर तेल लगा लें। 
- इसके बाद इसके बीच में एक छोटी बॉल के आकार जितना आलू का भरावन रखें। 
- अब इसके किनारों को अंदर की तरफ मोड़ना शुरू करें। 
- फिर इसके किनारों को चिपका कर अच्छे से बंद कर दें। 
- अब इसे उल्टा कर लें ताकि इसमें कोई सलवट ना पड़े।  
- अब इस पर कुछ तिल और धनिया पत्ते छिड़कें। 
- इसके बाद इसे हल्का सा दबाएं और अपने हाथों से फैलाएं। 
- अब इसे उल्टा कर लें, ध्यान रहे कि धनिया पत्ते और तिल नीचे की तरफ रहें। 
- अब इसे धीरे धीरे बेलन की मदद से अंडाकार बेलें। इसे ज्यादा पतला या ज्यादा मोटा ना बनाएं। इसका आकार आपके तवे से बड़ा भी नहीं होना चाहिए। 
- अब इस कुल्चे पर पानी लगाएं। पानी एकसमान रूप से लगना चाहिए, इससे कुल्चा तवे पर अच्छे से चिपक जाता है। 
- इसके बाद इसे हल्के से पलट कर गर्म तवे पर डाल दें। ध्यान रखें कि कुल्चा पानी वाली तरफ से ही तवे पर डाला जाए। नॉनस्टिक तवे का प्रयोग बिलकुल ना करें। 
- इसे हल्के से दबाएं। यह कुल्चे को तवे पर चिपकाने में मदद करता है और जब आप तवे को उल्टा करते हैं तब भी यह चिपका रहता है। 
- अब एक मिनट के बाद, तवे को उल्टा कर दें और कुल्चे को सीधे आँच पर पकाएं, जब तक कि यह सुनहरा भूरा ना हो जाए। 
- इस पर और बटर लगाएं (यह वैकल्पिक है, लेकिन, इससे आपका कुल्चा ज्यादा समय के लिए नर्म बना रहता है।) 
- अब कुल्चे को धीरे से तवे पर से निकाल लें। 
- अंत में, आलू कुल्चे को आपकी मनपसंद करी जैसे कि छोले मसाला या चना मसाला के साथ गर्मागर्म परोसें।